Lyme Disease: लाइम रोग, जिसे लाइम बोरेलियाऑसिस (Lyme Borreliosis) के नाम से भी जाना जाता है एक संक्रामक बीमारी है. लाइम रोग एक बैक्टीरिया बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) के काटने से होता है. लाइम रोग का जिक्र बीते दिनों में आपने खूब सुना होगा. इसकी वजह है कि यह संक्रमण खूब फैला रहा है. अब सवाल उठता है कि लाइम रोग क्या है, लाइम रोग के लक्षण (Symptoms of Lyme Disease ) क्या होते हैं और यह कैसे फैलता है. इसके साथ ही साथ इस बारे में भी पूरी जानकारी लेना जरूरी है कि लाइम रोग से कैसे बचा जा सकता है या इससे बचाव के लिए क्या-क्या करना चाहिए. तो चलिए जानते हैं लाइम रोग के बारे में सबकुछ, क्या होता है, कैसे होता है, इससे बचाव के उपाय और इलाज क्या है...
- लाइम रोग को लाइम बोरेलियाऑसिस (Lyme Borreliosis) नाम से भी जाना जाता है.
- लाइम रोग बोरेलिया बर्गडोरफेरी के काटने से होता है.
- चलिए जानते हैं लाइम रोग के बारे में सबकुछ...
या होता है लाइम रोग, कारण, लक्षण, बचाव और इलाज (Lyme Disease: Symptoms, Causes, Diagnosis, Treatment)
क्या होता है लाइम रोग (What Is Lyme Disease)लाइम रोग एक संक्रामक रोग है जो बैक्टीरिया बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) के काटने से होता है. लाइम रोग बेहद तेजी से फैल रहा है. कुछ साल पहले आई खबरों के अनुसार अमरीका में एड्स के बाद सबसे तेजी से फैलने वाले संक्रमणों में लाइम रोग का नाम शामिल था. इसके अलावा लाइम रोग के मामले एशिया, यूरोप, और दक्षिण अमरीका में भी देखने को मिल रहे हैं. असल में लाइम रोग सूजन और त्वचा के लाल हो जाने से जुड़ा एक संक्रमण है, जो बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) के काटने से इंसानों में होता है. बोरेलिया बर्गडोरफेरी बेहद छोटे जीव होते हैं, जो हमारी त्वचा से चिपक कर खून चूसते है, जिससे संक्रमण फैलता है.
क्या होता है लाइम रोग का कारण (Lyme Disease: Causes)
लाइम रोग बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) के काटने से होता है. बोरेलिया बर्गडोरफेरी बेहद छोटे जीव होते हैं, जो हमारी त्वचा से चिपक कर खून चूसते है, जिससे संक्रमण फैलता है.
लाइम रोग के लक्षण (Lyme Disease: Symptoms)
लाइम रोग बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) नाम के कीट के काटने से होता है. यह कीट इतने छोटे होते हैं कि इन्हें देख पाना मुश्किल होता है. किसी ऐसे कीट के काटने के बाद जोकि संक्रमित हो 3 से 30 दिन के अंदर-अंदर इंसानों में लाइम रोग के लक्षण नजर आने लग जाते हैं. एक नजर में जानते हैं लाइम रोग के लक्षणों के बारे में-
1. लाइम रोग के लक्षण आम तौर पर फ्लू जैसे होते हैं.
2. लाइम रोग होने पर त्वचा पर मच्छर के काटने जैसे निशान हो जाते हैं. यह निशान एक लाल रंग के बिंदू की तरह होता है, जो धीर-धीरे बड़ा होता जाता है.
3. त्वचा पर होने वाले ये लाल रंग के चतके धीरे-धीरे बड़े होते हैं और इनमें खुजली महसूस नहीं होती.
4. बुखार आना भी लाइम रोग का लक्षण हो सकता है.
5. ठंड लगना.
6. नाड़ी धीमी होना.
7. सिसदर्द की समस्या बने रहना.
8. थकान महसूस होना.
9. मासपेशियों में दर्द.
10. लिम्फ नोड्स बढ़ना.कब जाएं डॉक्टर के पास
लाल चतके होने का मतलब यह नहीं है कि आपको लाइम रोग ही हुआ है. अगर आपको लाल चतको के साथ ऊपर दिखाए ये लक्षण भी महसूस हो रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लें.
क्या हो सकते हैं खतरे (Lyme Disease: Complications)1. लाइम रोग का इलाज समय पर न किया जाए तो यह दिल के रोगों के खतरे को बढ़ा देता है.
2. लाइम रोग का समय पर इलाज न किया जाए तो यह जोड़ों के दर्द की समस्या भी पैदा कर सकता है.किसे हो सकता है लाइम रोग (Risk factors of Lyme disease)
लाइम रोग आमतौर पर 5 से 14 साल के बच्चों और 40 से 50 साल की उम्र के वयस्कों में होता है. लाइम रोग का सबसे पर्याप्त जोखिम कारक उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जहां टिक्स से संपर्क आसानी से हो सकता हो - जैसे न्यू इंग्लैंड राज्यों, साथ ही मिनेसोटा और विस्कॉन्सिन हैं. लाइम रोग के अन्य जोखिम कारकों में बाहरी गतिविधियां जैसे जंगल में या खेतों में बागवानी करना आपको लाइम रोग के उच्च जोखिम में डाल देता है.
लाइम रोग का इलाज (Lyme Disease: Treatment)
लाइम रोग में इलाज डॉक्टर की निगरानी में होता है. इस बीमारी के शुरुआती चरण में डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दे सकता है. लाइम रोग के लिए दिए जाने वाले सामान्य एंटीबायोटिक दवाओं में डॉक्सिसीक्लिन, एमोक्सिसिलिन और सेफूरोक्साइम शामिल हैं. लाइम रोग के निदान के लिए संक्रमित ब्लैकलेग्ड टिकों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है.
लाइम रोग के स्टेज : लाइम रोग के तीन स्टेज माने गए हैं.
लाइम रोग की पहली स्थिति : पहले स्टेज में लाइम रोग के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना या त्वचा पर सूजन के साथ चकत्ते दिखना शामिल हैं.
लाइम रोग की दूसरी स्थिति : इस बीमारी के दूसरे में बीमारी तंत्रिका तंत्र में फैलती है. इसमें पाल्सी और मेनिनजाइटिस हो सकते हैं.
लाइम रोग की तीसरी स्थिति : लाइम रोग के तीसरे और अंतिम स्टेज को खतरनाक माना गया है. इस स्टेज में संक्रमण बहुत ज्यादा फैल जाता है और मस्तिष्क में सूजन की शिकायत या अर्थराइटिस या गठिया बन सकता है.